शहर मुंबई

                                                               शहर मुंबई


बड़ी दूर से किया था एक सफ़र

तब जाके मिला मुंबई शहर

पैसे नहीं थे मेरे पास

वड़ा पाव यहा के सब से खास

सोने की कोई जगह नही थी

 यहाँ के लोगो ने कराया अपनों का एह्शाश...||

मुड़ कर न मैंने फिर पीछे देखा

         सोच लिया था.

 चाहे मिलै कितना भी धोका

सपनो की नगरी मे  , अपना भी होगा एक सपना

कई धर्म के लोग मिलेंगे यहाँ

सोच समझ कर उनसे तुम मिलना

हिम्मत, हौसला ,मन मैं विश्वाश तुम रखना

सपनो की नगरी मे होगा , तुम्हारा भी एक सपना               
         {ANKIT PANDEY}

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