बेटे भी घर छोड़ कर जाते है



                                                   बेटे भी घर छोड़ कर जाते है............


जो तकिए के बिना सोने से कतराते थे

आकर देखिये वो कहीं भी सो जाते है

खाने मे सौ नखरे करने वाले

अब कुछ भी खा लेता है

अपने रूम में किसी को भी न आने देने वाले

अब एक ही बिस्तर पर एडजस्ट करके सो जाते है

भाईसाहब लड़के भी घर छोड़ कर जाते है


घर को मिस करते है

लेकिन कहते है मै ठीक हू


सौ सौ ख्वाइशे रखने वाले

अब कहते है नहीं कुछ नहीं चाहिए

पैसे कमाने के  जरूत में घर से  अजनबी हो जाते है

 लड़के भी घर छोड़ जाते है

बनबनाया खाने वाले

अब वो खाना खुद  बना कर खाते है

माँ ,बहन ,बीवी, के हातो का वो कहा खा पाते है

कभी थके हारे होते है तो भी वैसे ही सो जाते है

बेटा भी घर छोड़ जाते है

मोहल्ले की गलियां जाने पहचाने रास्ते जहां दौड़ा करते थे

अपनों के वास्ते

माँ बाप का प्यार यार दोस्त सब पीछे छोड़ जाते है

तन्हाई में याद करके लड़के भी आशु बहाते है

 बेटा भी घर छोड़ जाते है

नई नवेली दुल्हन चाँद से प्यारे भाई बहिन

छोटे छोटे बच्चे ,चचा- चची, ताऊ -ताई

सब कुछ भुला देती है ये रोटी कमाई


मत पूछो ये दर्द कैसे छुपाते है                               {Pasnd aaya tou jada kuc nhi share or comment plzz}


बेटा भी घर छोड़  जाते है

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